
विदेशों में सफलता के झंडे गाढ़ रहे हैं प्रवासी उत्तराखंडी
देहरादून। आगामी 12 जनवरी को होने जा रहे प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन के लिए कई ऐसे प्रवासी भी देहरादून पहुंच रहे हैं, जिन्होंने विदेशों में सफलता के झंडे गाढ़े हैं। इसमें से कई अब सफल उद्यमियों के तौर पर विदेश में अपनी पहचान स्थापित कर चुके हैं। उक्त सभी अब अपनी जन्मभूमि के लिए भी कार्य करने के इच्छुक हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी प्रवासियों का स्वागत करते हुए कहा है कि प्रवासीजन, विदेश में देश ओर प्रदेश के ब्रांड एम्बेस्डर के तौर पर कार्य कर रहे हैं। सरकार प्रवासियों के अनुभव का लाभ, गांवों के विकास में लेना चाहती है।
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गिरीश पंत – संकट में फंसे भारतियों के मददगार
मूल रूप पिथौरागढ़ जिले के निवासी गिरीश पंत 16 साल से दुबई में निवास कर रहे हैं। गिरीश पंत, अरब देशों के साथ ही समूचे मध्यपूर्व में फंसे भारतियों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। कोविड – 19 लॉकडाउन के अलावा, रूस – यूक्रेन युद्ध के दौरान यूक्रेन में फंसे भारतियों की मदद में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई। इसमें उत्तराखंड के युवा भी शामिल थे। गिरीश पंत को उनकी सेवाओं के लिए 2019 में राष्ट्रपति द्वारा प्रवासी भारतीय सम्मान प्रदान किया जा चुका है। अपनी माटी के प्रति मोह के चलते गिरीश पंत, ने अपना नाम भी गंगोलीहाट विधानसभा स्थित अपने गांव की वोटर लिस्ट में दर्ज करा लिया है। वो गत लोकसभा चुनावों में वोट देने के लिए खासकर अपने गांव पहुंचे।
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देव रतूड़ी – वेटर से सफल कारोबारी का सफर
1976 में टिहरी के केमरिया सौड़ गांव में जन्में देव रतूड़ी, बहुत कम समय के दौरान चीन में सफलता के झंडे गाढ़ चुके हैं। देव रतूड़ी ने चीन पहुंच कर 2005 में वेटर के तौर पर एक रेस्टोरेंट से अपना करियर शुरू किया। अब वहां सफल इंडियन रेस्टारेंट चेन संचालित करते हैं, साथ ही स्थानीय फिल्म उद्योग में भी छाए हुए हैं। देव रतूड़ी ने 2013 में एम्बर पैलेस इंडियन रेस्टोरेंट के जरिए उद्यमशीलता में हाथ आजमाया, दस साल के भीतर ही उनके चीन में 10 आउटलेट हो चुके हैं। जो चीन में विशुद्ध भारतीय खाना, देशी संस्कृति के साथ परोस रहे हैं। देव रतूड़ी अब गांव को गोद लो योजना के तहत अपने गांव के विकास के लिए आगे आए हैं।
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डॉ एके काला – उद्मशीलता में बने मिसाल
मूल रूप से पौड़ी जिले के निवासी, डॉ. एके काला, थाइलैंड में रहते हुए, ऑयल एंड गैस इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वाली मशीनरी के सबसे बड़े निर्माता ब्रास्टेन ग्रुप के प्रेसीडेंट और सीईओ के रूप में जाने जाते हैँ। डॉ काला ने देहरादून के डीएवी कॉलेज से एमएससी करने के बाद, इंजीनयरिंग की पढ़ाई और आजीविका के लिए विदेश का रुख किया। अब उनका कारोबार साउथ ईस्ट एशिया से लेकर अमेरिका तक फैला हुआ है। डॉ. काला जल्द ही भारत में भी एक मैन्यूफैक्चिंग इकाई खोलने की तैयारी कर रही हैं, इसके लिए वो उत्तराखंड को प्राथमिकता देने का प्रयास कर रही हैं। डॉ. काला के प्रयास से थाईलैंड में थाई एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड का गठन हो चुका है। अब वो पौड़ी जिले के एक गांव को गोद लेने की तैयारी कर रहे हैं।
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