
उपाध्यक्ष संगठन प्रशासन के तौर पर फायर ब्रिगेड की भूमिका में रहते हैं मथुरा दत्त जोशी
देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस में बतौर उपाध्यक्ष (संगठन प्रशासन) प्रदेश अध्यक्ष के बाद सर्वाधिक महत्वपूर्ण निभाने वाले मथुरा दत्त जोशी ठीक निकाय चुनाव के बीच पार्टी के रवैये से ‘आहत’ होकर घर बैठ गए हैं। पार्टी ने पिथौरागढ़ में मेयर की सीट पर जोशी की पत्नी का दावा खारिज कर दिया, जिसे जोशी उनके तीन दशक के समर्पण के साथ अन्याय बता रहे हैं।
जोशी की पत्नी पिथौरागढ़ से जिला पंचायत सदस्य है, यहां मेयर की सीट महिला होने पर जोशी ने पार्टी के सामने अपनी पत्नी को टिकट देने की मांग की थी। लेकिन पार्टी ने इसके बजाय अंजू लुंठी को मेयर का टिकट थमा दिया। जोशी को सबसे बड़ा दुख अध्यक्ष करन माहरा का ‘बैकअप’ नहीं मिलने को लेकर है, जबकि वो माहरा के लिए दिन रात डटे रहे। इसलिए जोशी ने टिकट घोषित होने के बाद मोबाइल बंद करते हुए, घर बैठने का निर्णय ले लिया है। जोशी ने सार्वजनिक बयान जारी करते हुए, टिकट वितरण पर नाराजगी जताते हुए, पार्टी पर सामाजिक समीकरणों का ध्यान रखने का आरोप लगाते हुए, कांग्रेस की दुखती रग पर हाथ रख दिया है। कांग्रेस ने मेयर की 11 सीट में से सिर्फ एक जगह ब्राह्मण को टिकट दिया है।
फायर ब्रिगेड की भूमिका में रहते हैं जोशी
जोशी कांग्रेस में संगठन का सारा काम काज तकरीबन अकेले ही देखते हैं। साथ ही वरिष्ठ नेताओं के बीच किसी भी वाद विवाद को शांत करने की उन्हीं की जिम्मेदारी रहती है, अब ऐन मौके पर उनकी नाराजगी सामने से पार्टी के सामने नया संकट खड़ा हो गया है।